नई दिल्ली/इस्लामाबाद: पहलगाम हमले के 15 दिन बाद भारत ने बड़ा एक्शन लेते हुए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। इस ऑपरेशन को नाम दिया गया — ऑपरेशन सिंदूर।

भारतीय वायुसेना ने 6 मई की रात दो बजे पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में मौजूद आतंकी ठिकानों पर 24 स्मार्ट मिसाइलें दागीं। ये हमले पूरी तरह टारगेटेड थे और जैश-ए-मोहम्मद व लश्कर-ए-तैयबा के मुख्य अड्डों को निशाना बनाया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन हमलों में 100 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जिनमें कई शीर्ष कमांडर शामिल थे।

बता दें कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और 45 से अधिक घायल हुए थे। इस हमले के पीछे जैश और लश्कर के आतंकी बताए जा रहे थे। भारत की इस कार्रवाई को उसी हमले का करारा जवाब माना जा रहा है।
भारतीय खुफिया एजेंसियों का कहना है कि इस मिशन में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI द्वारा संचालित ड्रोन हब्स को भी ध्वस्त किया गया है, जो भारत में हथियार और ड्रग्स पहुंचाने के काम में लगे थे।
हमले के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया कि इस हमले में उनके 9 नागरिक मारे गए हैं और 38 घायल हुए हैं। साथ ही, पाकिस्तानी सेना ने 5 भारतीय फाइटर जेट्स को गिराने का भी दावा किया है, जिसे भारत ने सिरे से खारिज किया है।
भारत का कहना है कि यह पूरी कार्रवाई आतंकियों को टारगेट कर के की गई है और किसी भी आम नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचाया गया। कश्मीर घाटी में अब हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सुरक्षा बलों की तैनाती और सर्च ऑपरेशन्स बढ़ा दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा और आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर अडिग है।
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, फ्रांस और अन्य देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है, हालांकि भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को समर्थन भी दिया गया है।
सेना प्रमुख ने स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन खत्म नहीं हुआ है। यदि आवश्यकता पड़ी, तो इसका अगला चरण भी जल्द शुरू किया जाएगा।
देशभर में इस कार्रवाई को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर #OperationSindoor ट्रेंड कर रहा है। वहीं विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ने एक सुर में इस ऑपरेशन का समर्थन किया है और कहा है कि यह आतंक के खिलाफ निर्णायक कदम है।