बिहार – BIYZEN YOUTH SERVICES के साथ मधुबनी के ‘रोज पब्लिक स्कूल’ की बड़ी पहल: बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए उठाया अहम कदम

Stress free india

शिक्षा केवल पाठ्यक्रम की किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बच्चों के सर्वांगीण विकास का आधार होती है। इसी सोच के साथ मधुबनी जिले के ‘रोज पब्लिक स्कूल’ ने मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए एक नई शुरुआत की है। यह स्कूल जिले का पहला ऐसा संस्थान बन गया है, जिसने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और तनाव मुक्त शिक्षा पर गंभीरता से कदम उठाया है।

Biyzen के साथ स्कूल डायरेक्टर श्रीमती राखी झा ओर प्रिंसिपल चंद्रेश्वर झा की पहल

‘रोज पब्लिक स्कूल’ के प्राचार्य श्री चंद्रेश्वर झा ने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझते हुए, बायज़ेन (BIYZEN) के सहयोग से एक विशेष डिमॉन्स्ट्रेशन (प्रदर्शन) कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना और उनकी मानसिक स्थिति को बेहतर बनाना था।

बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर हो रहे इस सकारात्मक प्रयास के तहत, उन्हें तनाव को नियंत्रित करने, पढ़ाई का दबाव कम करने और आत्म-विश्वास बढ़ाने की तकनीकें सिखाई गईं। इसके साथ ही, शिक्षकों को भी मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता की ट्रेनिंग दी गई, ताकि वे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को समझ सकें और उनकी मदद कर सकें।

स्ट्रेसफ्री इंडिया ’ मुहिम में रोज पब्लिक स्कूल की भागीदारी

मधुबनी जिले में यह पहला स्कूल बन गया है, जिसने ‘स्ट्रेस-फ्री इंडिया’ (Stress-Free India) पहल के तहत छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर गंभीर कदम उठाए हैं। इस प्रयास के अंतर्गत, BIYZEN के साथ स्कूल में नियमित रूप से योग, ध्यान (मेडिटेशन), काउंसलिंग और अन्य तनाव-नियंत्रण गतिविधियों का आयोजन के ऊपर विचार जाहिर किया

आज के समय में जब बच्चे पढ़ाई, परीक्षा और प्रतिस्पर्धा के कारण मानसिक दबाव का सामना कर रहे हैं, ऐसे में‘Rose public school’ ‘की यह पहल एक मिसाल साबित हो सकती है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े इस महत्वपूर्ण विषय पर ध्यान देना न केवल बच्चों के लिए लाभकारी है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक सकारात्मक संदेश भी देता है।

मधुबनी जिले के अन्य स्कूलों के लिए प्रेरणा

‘Rose public school’ की इस पहल से जिले के अन्य स्कूलों को भी सीख लेनी चाहिए और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए। अगर शिक्षा संस्थान इस दिशा में ठोस कदम उठाएं, तो यह न केवल छात्रों के विकास में सहायक होगा बल्कि उनका आत्म-विश्वास भी बढ़ाएगा।

यह पहल पूरे मधुबनी जिले और बिहार के अन्य स्कूलों को भी प्रेरित करेगी, ताकि एक स्वस्थ, खुशहाल और तनावमुक्त शिक्षा प्रणाली विकसित हो सके।

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