सितंबर तिमाही के बाद भारतीय शेयर बाजार में गिरावट से सचिन बंसल, विजय केडिया और हितेश दोशी के पोर्टफोलियो में 30-32 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि मनीष जैन का पोर्टफोलियो 33 प्रतिशत बढ़ा है.
पिछले कुछ समय से भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. सितंबर तिमाही के बाद से बाजार में आई गिरावट ने जहां छोटे निवेशकों को चिंतित कर दिया है, वहीं दिग्गज निवेशकों के पोर्टफोलियो पर भी इसका असर साफ़ दिखाई दिया है. दिग्गजों में सितंबर तिमाही के बाद से सचिन बंसल, विजय केडिया ए.यादव और हितेश दोशी जैसे निवेशकों के पोर्टफोलियो में 30 से 32 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है. यह गिरावट भारतीय बाजार के प्रमुख सूचकांकों, सेंसेक्स और निफ्टी, में आई गिरावट को दर्शाती है, जो सितंबर के अंत से अब तक 12 प्रतिशत से अधिक गिर चुके हैं. BSE मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में यह गिरावट और भी ज़्यादा रही है और ये 20 प्रतिशत से अधिक लुढ़क चुके हैं
Primeinfobase.com के आंकड़ों के अनुसार, इस गिरावट का असर दूसरे दिग्गज निवेशकों पर भी देखने को मिला है. हेमेंद्र कोठारी के पोर्टफोलियो में 29 प्रतिशत, डी-मार्ट के संस्थापक राधाकिशन दमानी के पोर्टफोलियो में 28 प्रतिशत और विश्वास पटेल के पोर्टफोलियो में 27 प्रतिशत की गिरावट आई है. अनिल गोयल और अनुज शेठ, दोनों के पोर्टफोलियो में 24 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि राजेश कुमार और भावुक त्रिपाठी के पोर्टफोलियो में 23 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है.
हालांकि, कुछ निवेशक ऐसे भी रहे हैं जिन्होंने इस गिरावट के बावजूद अपने पोर्टफोलियो को मजबूत बनाए रखा है. मनीष जैन का पोर्टफोलियो सितंबर तिमाही के बाद से लगभग 33 प्रतिशत बढ़ा है. इसकी वजह नवंबर में एनवायरो इंफ्रा इंजीनियर्स के IPO में उनकी हिस्सेदारी रही. राकेश झुनझुनवाला परिवार और संजीव शाह , ए.यादव ने भी इस गिरावट को मात दी है और उनके पोर्टफोलियो में क्रमशः 7 प्रतिशत और 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.